Wednesday, 31 December 2014

PHOENIX 


Reminiscences from my diary
December 26, 2014, Friday
10:00 p.m.
Varick Villa, Alleppey, Kerala

आज -
कुछ अलग - सा हुआ !
आज -
एक तजुर्बे ने -
कहीं , वक़्त के किसी खँडहर में -
दम तोड़ चुकी -
एक कल्पना से -
मुलाक़ात की !

एक मुलाक़ात -
पहरों की परिधि से परे -
स्मृतियों के दंश से परे -
शायद  सोचा भी न था  …
दिसंबर की एक शाम होगी -
और,
मेरी डायरी में लिखी, दबी -
भूली बिसरी कुछ पंक्तियाँ -
सजीव हो जाएँगी !

आज -
शब्दों के ताने - बाने से बुनी  -
शब्दों के ही ताने - बाने से सजी -
उस एक कल्पना को , मानो -
पंख लग गए थे !
एक उल्लास -
एक ख़ुशी -
एक मुस्कान -
और,
वही हवा ,
वही रेत ,
वही उर्मिल ,
वही कंकण ,
वही आसमान ,
और-
वही सलिल !





4 comments:

  1. Wow! Really well written Shantanu!! Please keep the good work going :)

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  2. good words shantanu .. :)
    keep going ..

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  3. Really good work ..Shantanu. I love your writings. :)
    Rippan

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