(No) Strings Attached
Reminiscences from my diary
Apr 16, 2021
Friday, 11:50 pm
Murugeshpalya, Bangalore
अछोर से छोर होता मैं
छोर से अछोर होते तुम
तुममें बुझता मैं
मुझमें जलते तुम
.
.
.
बिछड़न
भटकन
तड़पन
सिकुड़न
सीलन
खुरचन
छीलन
टूटन
रूदन
झूठन
.
.
.
छोर से अछोर होता मैं
अछोर से छोर होते तुम
तुममें जलता मैं
मुझमें बुझते तुम
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