Reminiscences from my diary
Feb 05, 2022
Vasant Panchmi
Bangalore airport
तुम्हारा
बेहद इत्मिनान से
गले लगाना
और कुछ देर
गले लगाए रखना
मुझे बेहिसाब सुकून देता है!
कुछ ऐसा-सा सुकून
जो
दिसंबर की मनाली में
चीड़ के ऊपर टंके
पूरे चाँद को देखते हुए
अलाव सेकने पर मिले!
उन चंद पलों में बुनी हुई
गर्माहट
मुझे
काफ़ी वक़्त तक
हर तरह की
ठिठुरन से
बचाये रखती है!
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