Ocean's black and the fireflies
Reminiscences from my diary
Feb 02, 2023
Thursday, 2030
Varkala Cliff
साँझ की बाती बुझ चुकी थी
मैं
अपने साथ
अपने सामने पसरे समंदर का
अँधेरा
घूँट - घूँट पी रहा था
पहरों को बीतना था ही
वे बीत रहे थे
आसमान का धुँधलका
पानी - पानी था
सलिल में
बादलों का ज्वार
और फिर
अचानक से
बिल्कुल अचानक से
न जाने किस लोक
किस दिशा से
जुगनुओं की बारात आ धमकी
.
.
उधर क्षितिज जगमगाया
इधर मैं फ़फ़ककर रो पड़ा
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