Mist...Fog....Enigma....!!
REMINISCENCES FROM MY DIARY....
October 17, 2010
9 P.M., A 118, Thapar, Patiala
(Its Dussehra today. I, Gaurav babu, Geeta, Khushboo, Alisha, Manasvi and astonishingly Sharan went on a small evening temple trip and captured some of the wonderful moments for the lifetime...)
समझ नहीं पा रहा हूँ ,
क्यों आज ,
चारु चन्द्र की दूधिया चांदनी
मटमैली - सी लग रही है ...!
आज शायद बिन मौसम की धुंध चारों ओर -
- पसरी पड़ी है ....
क्या वहाँ दूर ...
दूर , ' मामा ' के आगे,
किसी काले मेघ का पहरा है ?
या फिर ,
आज शायद ,
निशा की कालिमा जीत गयी ...
.... और, हार गयीं वे उज्ज्वल रश्मियाँ !
या फिर ,
शायद मैं ही ...
...मेरी आँखें ही धुंधली - सी पड़ गयी हैं ...
क्योंकि,
आज शायद बिन मौसम की धुंध चारों ओर -
- पसरी पड़ी है ....
हाँ ! धुंध , कुछ मटमैली - सी ...
याद आ गया अनायास ही ,
घर के बाहर ,
चबूतरे पर बैठी ,
उस बूढ़ी पापड़ वाली का-
- फटा मटमैला आँचल ।
और,
मटमैली ओढ़नी उस नन्ही बच्ची की ,
जो मिली थी एक सफ़र में ....
हमसफ़र - सी बनी ।
सोच ही रहा था ...
कि साथ ही दस्तक दे गया ,
एक धुंधला चेहरा ,
चेहरा उस अजनबी - से दोस्त का ,
जो कभी अपना - सा बना गया था ,
एक पराये मुल्क में ....!
और फिर ...
पीछे - पीछे आ गयी ...
एक और परछाई ,
श्याम - श्वेत - सी ...
श्याम ज़्यादा , श्वेत कम ...
परछाई उस बूढ़े की ,
जो शैशव से मेरा मित्र था,
मेरा सर्वस्व ...!
और फिर ...
कुछ ही पलों में ,
न जाने कहाँ से ,
आँखों के आगे छा गया ,
संगम की गंगा का धुंधला पानी ,
और,
पानी में तैरती एक धुंधली - सी नाव ।
न जाने कब वह नाव ले गयी मुझे ,
उसी पसरी धुंध में खोये देवदार के जंगलों में ,
जहाँ दिखाई तो दे रहा था ,
पर फिर से ,
धुंधला धुंधला - सा ...!
धुंधले - से पत्ते ...
धुंधले - से जुगनू ...
और,
धुंधली - सी उनकी जगमगाहट ....!
न,
कुछ तो है ...
कुछ तो ज़रूर ...
शायद,
मानस पटल किसी की दस्तक की
राह देख रहा है ...
या फिर,
मन यूँ ही ,
किंकर्तव्यव विमूढ़ - सा,
अन्यमनस्क - सा होकर ,
खोना चाहता है ,
किसी ऐसे ही धुंधलके में ....
और,
शायद इसीलिए
लग रही है आज,
शुभ्र चन्द्रिका भी ,
मटमैली - सी ...
क्योंकि,
आज शायद बिन मौसम की धुंध चारों ओर -
- पसरी पड़ी है ....!!
Shanu, you have captured the golden moments so graphically... I remember our trip to gurudwara sahib and floating restaurant....
ReplyDelete