It was your photograph!
Reminiscences from my diary
Oct 23, 2020
Friday, 07.00 pm
Saharanpur
हुआ कुछ यूँ आज कि -
मुद्दत बाद एक दोस्त ने याद किया।
मुझे हल्का - हल्का याद है कि आखिरी बार, उससे बात -
अरसा पहले फूजी की चोटी देखते हुए की थी।
अपने देश से सैकड़ों मील दूर, हम -
इत्तेफाक़न एक ही समय में एक ही दूसरी मिट्टी नाप रहे थे, हालांकि -
मिलना नहीं हो पाया था तब भी!
तो खैर, कुल मिलाकर -
इन साहब से पिछले दस सालों में -
एक मुलाकात,
और आज को मिलाकर -
कुल तीन दफ़ा बात हुई है!
बात करते करते साझा की उसने -
एक पुरानी तस्वीर!
सुंदर तस्वीर!
यह तस्वीर मेरे पास नहीं थी।
शुक्रिया कहा उसको -
बिसरी गली में ले जाने के लिए!
बातें होते होते कम हुई जा रहीं थी,
एक सवाल कौन्धा मन में तभी कि -
आज अचानक इतने वक़्त बाद कैसे याद आ गयी!
कहने लगा - तस्वीर देखी, और बस..!
मैं खुश - सा हुआ पर, अगले ही पल, हैरान!
मैं तो उस तस्वीर में हूँ भी नहीं, मैंने कहा!
उसने कुछ नहीं कहा! बस हँस दिया!
सुनो!
सुन रहे हो?
मुझे याद आ गया है।
यह तुम्हारी अपनी सबसे पसंदीदा तस्वीर थी न?
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