Tuesday, 29 March 2022

The Pariah Wanderings! 

Reminiscences from my diary

Mar 29, 2022
Wed, 0010 hrs
Murugeshpalya, Bangalore


क्षितिज से लुढ़का आँसू
न आँख भर पाता है
न 
ही 
मन ! 

कभी-कभी, सैकड़ों में से 
एक आधी भटकन
जन्मजात -
अघोरी
होती 
है ! 

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