An open invitation
Reminiscences from my diary
Thursday, Sep 01, 2022
09:15 pm
Murugeshpalya, Bangalore
सुनिए !
हताशाओं के उत्सव में
आप सादर आमंत्रित हैं !
कार्यक्रम की कुछ प्रमुख कड़ियाँ इस प्रकार हैं -
विरह - श्लोकों के मध्य दीप - प्रज्ज्वलन
***
प्रतीक्षाओं का हास
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आकांक्षाओं का दाह
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अपेक्षाओं का विसर्जन
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उपालम्भों का वाद
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अपूर्णताओं की प्रदर्शनी
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एकांत का नृत्य
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और
रूदाली स्मृतियों से
पटाक्षेप !
***
यदि आप जीवन और मृत्यु में भेद नहीं रखते हैं
और न ही भेद मानते हैं मृत्यु और मोक्ष में
तो
निमंत्रण
सविनय
स्वीकार
करें !
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