Wednesday, 15 November 2023

The Evening Harsingars

Reminiscences from my diary

Nov 15, 2023
Wednesday, 2235 IST
Murugeshpalya, Bangalore

एक बार
यूँ ही पारिजात - सा 
माना था तुम्हें 

जब माना था
जाना नहीं था
महज़ मानना भी हो सकता है 
हो जाना 
हो ही जाना 

अब न फूल 
अब न तुम 

है तो बस 
उतरा हुआ 
सिन्दूरी
मेरे नाखूनों पर 
ठहरा हुआ 
गहरा हुआ 

पारिजात - सा होना 
रोग है 

पारिजात होना 
जोग !




 

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