The right alternative!
Reminiscences from my diary
Jan 14, 2020
Tuesday, 10:20 pm
Murugeshpalya, Bangalore
तुम में जीना
तुम्हारे संग जीना
या बस, जीना ...
मैं आज भी बूझ रहा हूँ -
- अपनी साँस का ठिकाना !
ख़ैर -
मेरी छोड़ो !
तुम बताओ !
तुम 'गर होते-
- तो कौन -सा विकल्प चुनते ?
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