Tuesday 22 August 2023

The five elements

Reminiscences from my diary
Aug 22, 2023
Tuesday, 2215 IST
Murugeshpalya, Bangalore


मेरा आकाश -
जल से -
मथा है 
जल -
अग्नि से -
जला हुआ 
अग्नि में -
पृथ्वी -
समीधा - सी 
मेरी पृथ्वी -
पृथ्वी होने का -
भ्रम है 
जैसे -
किसी नक्षत्र की -
वायु, और 
व्यान के शून्य में -
शिव होता -
मेरा आकाश 

मैं और मेरे पंचतत्त्व 
ब्रह्माण्ड की समस्त प्रेतात्माओं का 
प्रपंच हैं !

Monday 21 August 2023

Fireflies on my skin!


Reminiscences from my diary

Aug 21, 2023
Monday 2245 IST
Murugeshpalya, Bangalore


किसी-किसी शाम 
                    मेरी देह पर 
कहीं-कहीं से आकर 
                     रुक-रुक जाते हैं
कई-कई जुगनू 
                

जुगनू-जुगनू 
          कोई भूली तारीख़
जुगनू-जुगनू
          कोई बिसरा चेहरा 
ताकूँ टुकुर-टुकुर 


घुल-घुल जाएँ रोशनियाँ 
                    और उनकी सरगम                             
साँस-साँस में 
                आस-आस में 
टिमटिम-टिमटिम 


जब-जब करूँ 
             कोशिश छूने की     
कुछ-कुछ हवा 
                कुछ-कुछ पानी 
जुगनू बन जाए बुलबुला 
                   

मेरी देह पर 
            देह नहीं दिखती 
रेशा-रेशा पानी का ज़ख़्म 
                            ज़ख़्म से रिसती 
धीमी-धीमी आँच