Friday 17 November 2023

सप्तर्षि 

Reminiscences from my diary
Nov 17, 2023, Friday
2030 IST
Murugeshpalya, Bangalore


क्या
किसी के दुःखों को 
मन से 
मन में आश्रय देना 
संसार की सबसे सुन्दर
अभिव्यक्ति 
कही जा सकती है ?

क्या 
स्मरण - शक्ति के 
समाप्त होने पर 
स्मृतियाँ विलुप्त होने पर 
एक लेखक 
लेखक
रह जाएगा?

क्या 
रात्रि के
किसी गहन पहर 
अनायास नयनों का
असीम झरना 
रोप सकता है 
एक नया धुला प्रभात ?

क्या 
किसी का जाते हुए 
पीछे छुटी 
हथेलियों की ओक
गुलाब से भर देना 
विरह की पीड़ा 
कम कर सकता है ?

क्या 
मौन साधने से
तथागत,
मैत्रेय 
और सुजाता -
तीनों 
सध जाते हैं ?

क्या
मूक प्रार्थनाओं के 
अवशेष 
और उनकी ऊष्मा 
एक कविता का 
सृजन 
कर सकते हैं ?

क्या 
मृत्तकों के समान 
अनुत्तरित प्रश्न भी 
गंगा से होते हुए 
ब्रह्माण्ड के
तारे बन
टिमटिमाते हैं ?



Wednesday 15 November 2023

The Evening Harsingars

Reminiscences from my diary

Nov 15, 2023
Wednesday, 2235 IST
Murugeshpalya, Bangalore

एक बार
यूँ ही पारिजात - सा 
माना था तुम्हें 

जब माना था
जाना नहीं था
महज़ मानना भी हो सकता है 
हो जाना 
हो ही जाना 

अब न फूल 
अब न तुम 

है तो बस 
उतरा हुआ 
सिन्दूरी
मेरे नाखूनों पर 
ठहरा हुआ 
गहरा हुआ 

पारिजात - सा होना 
रोग है 

पारिजात होना 
जोग !




 

Monday 6 November 2023

Rains, incessant the

Reminiscences from my diary

Nov 06, 2023
Monday, 2230 IST
Murugeshpalya, Bangalore

शिउली की
गंध में मगन मूसलाधार
पानी कुछ यूँ 
बरस रहा है कि 
डबडबाई नींद का हर 
टुकड़ा 
तालाब हुआ जाए 
तालाब की
काई में कई कई 
रतजगे
हर रात का एक
चाँद 
हर चाँद की एक
आह और हर 
आह से फट जाए 
बादल का एक 
टुकड़ा 

बरसात 
मूसलाधार बरसात 



Friday 3 November 2023

अक्षरधाम 

Reminiscences from my diary

Nov 03, 2023
Friday, 2245 IST
Murugeshpalya, Bangalore


जेठ की तपन
उतरती तेज़ धूप 
ठंडे चितकबरे फ़र्श
ठंडी लाल दीवारें 

पग के पीछे पग 
साये में उलझता साया 

लम्बे तंग गलियारे 
सहमी सुन्दर नक्काशियाँ 
झरोखों की लड़ी 
रोशनी और आँख-मिचौनी 

बहते पसीनों पर 
फव्वारों की फुहारें 

**

उस ढलते पहर में 
ब्रह्मा - विष्णु - शिव की
संरचनाओं के बीच 
घुल गयी थी कुछ कुछ
तुम्हारी गमक
कुछ कुछ तुम्हारा नाम 
और
एक चाँद

अब मेरी शामें उस एक -
 - साँझ की चुकती किस्तें हैं !