Friday 19 April 2024

The home for the lost

Reminiscences from my diary

Apr 20, 2024
Saturday 0045 
Murugeshpalya, Bangalore


सब कुछ बीत जाने के बाद के 

खालीपन में 

रहती हैं 

एक रंग की तितलियाँ 
घर ढूँढती चीटियाँ 
मुट्ठी भर सूखे कनेर 
एक टूटा तारा 
पतझड़ की आस 
रतजगे 
ढेर सारा पानी 
 
और 

बंजर नज़्में