Sunday, 26 January 2025

The sky and its void

Reminiscences from my diary

Jan 27, 2025
Monday 0020 IST
Murugeshpalya, Bangalore

मैं कभी-कभी सोचता हूँ कि 
आसमान क्या है
किससे बना है 

बादलों से
नक्षत्रों से
देवताओं से
उनको दी जाने वाली करोड़ों पुकारों से

या फिर
अपने ही खालीपन से?

खालीपन का भी कोई नाम होता है ?
या कोई रंग? 
कैसा दिखता है? आसमान जैसा?
क्या मैं भी किसी खालीपन से बना हूँ?
क्या मेरे खालीपन का भी कोई नाम, कोई रंग है?
क्या एक ही खालीपन मुझे और आसमान दोनों को बनाता है?

सवाल हैं
यूँ ही
अजीब से 
कभी भी, कहीं से भी आ जाते हैं 

जवाब नहीं आते

एक ठंडी आह भरता हूँ 
वह जा मिलती है 
आसमान में  

बादल घिर आते हैं 
मैं फिर कुनमुना-सा हो जाता हूँ 
.. 

क्या मैं ही आसमान हूँ?



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