Reminiscences from my diary
Feb 04, 2025
Tuesday, 2345 IST
Murugeshpalya, Bangalore
चार दिन की चाँदनी
अंधेर नगरी
टेढ़ा आँगन
शैतान का घर
खिसियानी बिल्ली
अकेली मछली
छूमंतर चिड़ियाँ
सफ़ेद हाथी
कागा हंस ऊँट मगर
आम खजूर करेला अनार
गंगाराम की गंगा
भानुमती का कुनबा
चोर और कोतवाल
नाचती राधा औ' नयनसुख
अधजल गगरी
काठ की हाँडी
बाँस और बाँसुरी
हथेली पर सरसों
गरजते बादल
धूप, छाया और माया
ज़ख़्म ज़ख़्म
नमक नमक
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