Monday, 14 April 2025

Wrapped/Unwrapped (Letters to you - 10)

Reminiscences from my diary
Apr 14, 2025
Monday, 2200 IST
Sre


प्रेम में पड़ो 'गर तो 
खुलो नहीं 

उधड़ो
शिद्दत से 

तार - तार 
ज़ार -ज़ार 

बेपरवाह 
बेधड़क 

कि प्रेम या 
प्रेम की पीड़ ही बनेगी 

अलाव, और  
अलाव की आँच



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