Wednesday, 2 April 2025

Forgotten picture(s) (Letters to you - 2)

Reminiscences from my diary

April 2, 2025
Wednesday, 2230 IST
Murugeshpalya, Bangalore

एक बात बताओ 
तुमने और मैंने 
कभी कोई तस्वीर 
साथ क्यों नहीं खिचवाई?

कि 'गर खिचवाई होती 
तो 
मैं यूँ करता कि 
तुम्हारे जाने का बाद 

तुम्हारी तस्वीर को 
तक-तक ताकता 
हँसता रोता 
बातें शिकायतें करता 

बुनता उम्मीदें 
इंतज़ार और उन्स 
रंग-रंग रेशा-रेशा 
तुम्हें बनाता बुकमार्क 

और फिर किसी एक दिन 
किसी किताब या डायरी में 
चिनार के पत्ते के साथ रख 
भूल जाता 

कि 'गर खिचवाई होती 
तो आज 
भूली-बिसरी तस्वीरों पर 
मैं भी कुछ लिख पाता 

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